पी.
एम. श्री केन्द्रीय विद्यालय मुरादनगर
पुस्तकालय
पुस्तक ऑफ दी माह, स्वतंत्रता
दिवस एवं राष्ट्रीय खेल
दिवस माह 2024
रिपोर्ट
अगस्त
माह में पुस्तक ऑफ दी माह ,स्वतंत्रता दिवस एवं राष्ट्रीय खेल दिवस माह का आयोजन
किया गया जिसका प्रारंभ 1 अगस्त को विद्यार्थियों
व शिक्षक के द्वारा माह भर होने वाली गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की गयी। यह माह
दिनांक 31st अगस्त तक चला। इसके अंतर्गत पूरे माह विभिन्न
गतिविधिया की गयी।
माह में 1 अगस्त
से 12 अगस्त तक पुस्तक ऑफ दी माह मे RICH
DAD POOR DAD, SHAHEED BHAGAT SINGH, SHERLOCK HOLMES & BHARTIYA OLYMPIC VEER
चार पुस्तक के बारे मे विद्यार्थियों को बताया गया तथा उनके द्वारा अधय्यन की हुई पुस्तकों की
समीक्षा की गयी |
13
अगस्त से 20 अगस्त तक लेखन प्रतियोगिता का आयोजित की गयी जिसमें विद्यार्थियों द्वारा
स्वतंत्रता दिवस एवं
राष्ट्रीय
खेल दिवस विषयो पर लेखन किया गया। जिसमे विद्यार्थियों विभिन्न खेलो के खिलाड़ियो
एवं विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियो के बारे मे आर्टिक्ल लेखन किया गया। इस
कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों मे
कल्पनाशीलता, रचनात्मकता व आत्मविश्वास के
गुणो का प्रादुभार्व होता है ।
21 से
29 अगस्त तक विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय मे Quiz का आयोजन किया गया
जिसमे विद्यार्थियों के द्वारा बहुत उत्सापूर्वक भाग लिया गया । इसी क्रम मे 31 अगस्त को विभिन्न गतिविधियों में
विद्यार्थियों के द्वारा बनाई गई रचनात्मक कृतियां की प्रदर्शनी का शुभारंभ
विद्यालय के प्रधानाध्यापिका जी के द्वारा किया गया । प्रधानाध्यापिका जी द्वारा
विद्यार्थियों को माह में एक पुस्तक अवश्य
पढ़ने के लिए प्रेरित किया गया ।
पुस्तक
ऑफ दी माह
रॉबर्ट टी. कियोसाकी द्वारा रिच डैड पुअर डैड
तीन वाक्यों में पुस्तक
1.
रिच डैड पुअर डैड
रॉबर्ट कियोसाकी और उसके दो पिताओं - उसके असली पिता (गरीब पिता) और उसके सबसे
अच्छे दोस्त के पिता (अमीर पिता) - के बारे में है और यह भी बताती है कि किस तरह
दोनों व्यक्तियों ने धन और निवेश के बारे में उसके विचारों को आकार दिया।
2.
अमीर बनने के लिए आपको
उच्च आय अर्जित करने की आवश्यकता नहीं है।
3.
अमीर लोग पैसे से काम
करवाते हैं ।
पाँच बड़े विचार
1.
गरीब और मध्यम वर्ग के
लोग पैसे के लिए काम करते हैं। अमीरों के लिए पैसा काम करता है।
2.
महत्वपूर्ण यह नहीं है
कि आप कितना पैसा कमाते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आप कितना पैसा बचाते हैं।
3.
अमीर लोग संपत्ति
अर्जित करते हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लोग देनदारियाँ अर्जित करते हैं जिन्हें
वे संपत्ति समझते हैं।
4.
वित्तीय योग्यता यह है
कि आप धन अर्जित करने के बाद उसके साथ क्या करते हैं,
आप इसे लोगों से कैसे छीनने से रोकते हैं, इसे
अधिक समय तक कैसे रखते हैं, तथा आप धन को अपने लिए कड़ी
मेहनत करने के लिए कैसे तैयार करते हैं।
5. हम सभी के पास सबसे शक्तिशाली सम्पत्ति हमारा मन है।
शहीद भगत सिंह के 10 अनमोल विचार
Bhagat Singh भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों में से
एक शहीद भगत सिंह की आज 116वीं जयंती मनाई जा रही है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को बंगा, पंजाब-अब पाकिस्तान
में हुआ था। उन्होंने बचपन में अंग्रेजों के खिलाफ भारत की आजादी का बिगुल फूंक
दिया था। 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में मौत की सजा दे दी गई। भगत सिंह बहुत कम
उम्र में शहीद हो गए थे। उन्होंने कई युवाओं और नेताओं के लिए देश की आजादी में
सहयोग देने के लिए प्रेरित किया। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और सभी के लिए एक
आदर्श बन गए। भगत सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों में देशभक्ति
की भावना जगाने के लिए कई प्रेरक नारे और कोट्स दिए हैं। 'इंकलाब जिंदाबाद', भगत सिंह के सबसे
लोकप्रिय नारों में से एक है। आईये जानते हैं भगत सिंह के 10 अनमोल विचार...
Bhagat Singh Quotes (भगत सिंह के 10 अनमोल विचार)
1. आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं। -
भगत सिंह
2. मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे
मतलब है। - भगत सिंह
3. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना
बाजु-ए-कातिल में है। - भगत सिंह
4. इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना
भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है। - भगत सिंह
5. जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दुसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए
जाते हैं। - भगत सिंह
6. मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी. इसके
अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता - भगत सिंह
7. जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना
चाहता। - भगत सिंह
8. मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी
वतन की ही खुशबू आएगी। - भगत सिंह
9. राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो
जेल में भी आजाद है। - भगत सिंह
10. वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार
सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में
सक्षम नहीं होंगे। - भगत सिंह
Quiz